रोग चानो की जीवन यात्रा को उजागर करता है, जिनकी दुनिया उनके पति बाचो की लंबी अनुपस्थिति से पलट जाती है। ग्रामीण भारत के संदर्भ में सेट इस कहानी में, चानो का दुःख केवल वित्तीय तनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि बाचो की बिना पत्र और पैसे के अनुपस्थिति से उत्पन्न भावनात्मक शून्य भी है। सात लंबे महीनों से बाचो ने कोई पत्र या पैसे नहीं भेजे, जिससे चानो की चिंता निरंतर बनी रहती है। बावजूद इसके, चानो अपने पति के प्रति अपनी आशा और समर्पण में अडिग रहती है।
कहानी चानो के आंतरिक संघर्ष और समाजिक दबावों का सामना करने के दौरान उसकी कठिनाइयों की गहराई से जांच करती है। उसका जीवन, जो पहले ग्रामीण उत्सवों और पारिवारिक प्रेम से भरा था, अब बाचो की अनिश्चितता के...